आज हम जानेंगे कि ट्रांजिस्टर क्या है ट्रांजिस्टर एक अर्धचालक पदार्थों से बनी एक युक्ति है जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथो में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसके बिना इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट पूर्ण होना संभव नहीं है –
ट्रांजिस्टर के उपयोग | ट्रांजिस्टर क्या है हिंदी में | ट्रांजिस्टर कितने प्रकार के होते | ट्रांजिस्टर में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं | ट्रांजिस्टर का आविष्कार किसने किया | ट्रांजिस्टर बनाने की विधि
ट्रांजिस्टर क्या है?
ट्रांजिस्टर अर्धचालक युक्ति है जो P तथा N प्रकार के अर्थ चालकों से बनी होती है यह धारा नियंत्रक युक्ति है व प्रतिरोधों का ट्रांसफर करती है ट्रांजिस्टर के तीन भाग होते है उत्सर्जन, आधार, संग्राहक यह इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का महत्वपूर्ण घटक है इसके बिना इलेक्ट्रॉनिक सर्किट पूर्ण करना संभव नहीं है |
ट्रांजिस्टर का आविष्कार किसने किया?
ट्रांजिस्टर की सर्वप्रथम खोज 1948 में अमेरिका के वैज्ञानिक शोकले, बार्डीन तथा बरेलिन ने की थी| सन 1956 को इसी खोज पर इनको नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया |
ट्रांजिस्टर का उपयोग क्या है?
- ट्रांजिस्टर का सर्वाधिक उपयोग सिग्नल को एम्प्लीफाई करने के लिए किया जाता है |
- यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल, को विद्युत शक्ति को स्विच या एंपलीफायर करने के लिए किया जाता है |
- ट्रांजिस्टर का प्रयोग डिजिटल गेट बनाने में भी किया जाता है |
- ट्रांजिस्टर का उपयोग स्विच की भाती होता है |
- डिस्टिक का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में किया जाता है |
ट्रांजिस्टर का चित्र?
ट्रांजिस्टर के प्रकार?
ट्रांजिस्टर मुख्यतः दो प्रकार के होते है –
- PNP ट्रांजिस्टर
- NPN ट्रांजिस्टर
PNP ट्रांजिस्टर –
यह ट्रांजिस्टर N प्रकार के अर्धचालक की पतली परत को दो P प्रकार के अर्धचालक के छोटे-छोटे क्रिस्टलो के मध्य दबाकर बनाया जाता है इस प्रकार इसमें P प्रकार के अर्धचालक बाहय भाग में तथा अन्य प्रकार के अर्धचालक मध्य भाग में होता है |
NPN ट्रांजिस्टर –
यह ट्रांजिस्टर P प्रकार के अर्धचालक की परत को दो N प्रकार के अर्धचालक के छोटे-छोटे क्रिस्टलो के मध्य दबाकर बनाया जाता है इस प्रकार NPN ट्रांजिस्टर में N प्रकार के अर्धचालक बाहय भाग में तथा P प्रकार के अर्धचालक मध्य भाग में होता है |
ट्रांजिस्टर बनाने की विधि?
ट्रांजिस्टर बनाने के लिए और अर्द्धचालक सामग्री का प्रयोग किया जाता है इसको बनाने के लिए सिलिकॉन में जर्मेनियम पदार्थों का प्रयोग किया जाता है इसके तीन सिरे होते हैं उत्सर्जन (Emiter), आधार (Base), संग्राहक (Callator) इसमे में तीन परत व दो जंक्शन होते हैं इसमें सर्वाधिक डोपिंग एमिटर में की जाती है व सबसे कम बेस में की जाती है |
ट्रांजिस्टर चेक करने का तरीका ?
ट्रांजिस्टर को चेक करने के लिए सर्वप्रथम मल्टीमीटर को कंटिन्यूटी वेब पर संयोजित करेंगे ट्रांजिस्टर के बीच वाले सिरे पर मल्टीमीटर का एक सिरे से आयोजित करेंगे बाद में बचे ट्रांजिस्टर के दोनों सिरों पर एक-एक करके सयोजित करके चेक कर लेंगे जिसमें अधिक मान दर्शाए वह सिरा उत्सर्जन व जिस सिर पर कम मान दर्शाए वह संग्राहक होता है इस प्रकार हम ट्रांजिस्टर को आसानी से चेक कर सकते है | अधिक जानने के लिए –click करे
महत्वपूर्ण तथ्य :-
- PNP की तुलना में NPN फास्ट होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन की मोबिलिटी हॉल की मोबिलिटी से अधिक होती है |
- सर्वाधिक प्रतिरोध कलेक्टर पर होता है |
- एमिटर का घनत्व अधिक होता है |
- कलेक्टर का आकर सबसे अधिक होता है |
- ट्रांजिस्टर के सिरे आपस में बदल नहीं सकते क्योकि यह केवल एक ही दिशा में कार्य कर सकता है |
ट्रांजिस्टर में कितने सिरे होते है?
ट्रांजिस्टर में मुख्यत: तीन सिरे होते है – 1. उत्सर्जन (Emiter) 2. आधार (Base) 3. संग्राहक (Callator)
ट्रांजिस्टर कितने प्रकार के होते है?
ट्रांजिस्टर मुख्यतः दो प्रकार के होते है – 1. PNP ट्रांजिस्टर, 2. NPN ट्रांजिस्टर
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