[ थर्मल पावर क्या है 2024 ] जानिए प्लांट कैसे काम करता है, फायदे और नुकसान | Thermal Power Plant Working in Hindi

ताप विद्युत क्या है | थर्मल पावर प्लांट कैसे काम करता है | भारत में कितने थर्मल पावर प्लांट है | सुपर थर्मल पावर प्लांट क्या होता है | थर्मल पावर प्लांट फायदे और नुकसान | थर्मल पावर स्टेशन क्या है

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थर्मल पावर क्या है

पुराने समय से ही देश-दुनिया के लिए थर्मल प्लांट संयंत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, लेकिन सीमित साधनों के कारण अब ये प्लान बंद होने की कगार पर आने वाले है | सभी के दिमाग में ये सवाल रहता है की आखिर ये बिजली कैसे बनती है जिसके बारे में आज हम बात करेंगे बिजली बनाने का एक रूप थर्मल पावर स्टेशन | तो आइये जानते है कोयले से बिजली कैसे बनती है यानि थर्मल पावर क्या है

थर्मल पावर क्या है ?

इस संयन्त्र में कोयले के दहन से ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करके वाष्प तैयार की जाती है, वाष्प के तेज दबाव से टरबाइन/स्टीम इंजन चलाया जाता है जो यांत्रिक शक्ति उत्पन्न करता है | यांत्रिक शक्ति से अल्टरनेटर को प्रचलित करके विद्युत शक्ति उत्पन्न की जाती है |

थर्मल पावर प्लांट भाग –

कोल हेंडलिंग संयत्र –

इसका कार्य बॉयलर भट्टी को कोयला प्रदान करना होता है |
• एक 200 MW [ मेगा वाट] केंद्र को 200 टन कोयले की प्रतिदिन आवश्यकता पड़ती है |
• सामान्यतः 200 मेगावाट वाले शक्ति संयंत्र के लिए कोयला संग्रह की क्षमता 1.25 मिलियन टन होती है |

चूर्णन संयन्त्र –

इसके द्वारा इंधन की दर नियंत्रित की जाती है इसके द्वारा बॉयलर को ठंडे मौसम में भी शीघ्र चालू किया जा सकता है |

ड्राफ्ट फैन –

बॉयलर मे दहन क्रिया के लिए वायु की पर्याप्त आपूर्ति ड्रॉफ्ट फैन के द्वारा की जाती है |

बॉयलर –

बॉयलर के द्वारा कोयले से प्राप्त तापीय उर्जा को जल वाष्प ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है इस जल वाष्प को उच्च दाब व ताप में परिवर्तित करके भाप टरबाइन द्वारा यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त की जाती है इसलिए इसे साधारणत भाप जनित्र (Steam Ganerator) भी कहते है |
• बॉयलर की अधिकतम दक्षता 3600kg प्रति घंटा हो सकती है |
• एक बॉयलर के अंदर का सामान्य तापमान 27°C एवं सामान्य दाब 1 kg/cm2 माना गया है |

राख सम्भाल संयन्त्र –

इसमें काफी मात्रा में राख होती है यह कोयला जलने पर 10 से 20% होती है |

टरबाईन: वाष्प टरबाईन, वाष्प ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है जो प्रत्यावर्तक को चलात है –

  • टरबाइन का निर्माण विभिन्न आकार मे लगभग 10,00,000 HP तक या इससे अधिक के लिए किया जाता है |
  • टरबाइन की गति 3000 rpm तथा 1500 rpm होती है |
  • टरबाइन की चाल को स्थित रखने के लिए नियामक (Governor) का प्रयोग करते है |
थर्मल-पावर-स्टेशन
थर्मल पावर क्या है

टरबाइन दो प्रकार की होती है –

  1. आवेग टरबाइन
  2. प्रतिक्रिया टरबाइन

मित्तिपयोजक –

बॉयलर से निकलने वाली गैसे अत्यधिक गर्म होती है इन गैसो से बॉयलर में भेजे जाने वाला ठंडा पानी भेजने से पूर्व इन गैसो द्वारा गर्म कर लिया जाता है |

  • मित्तिपयोजक का प्रयोग करने से बॉयलर की दक्षता लगभग 30% बढ़ जाती है |
  • अच्छे किस्म के कोयले में पांच से 10% ही राख होती है |
  • निम्न किस्म के कोयले में 40% राख होती है |

शीतल टाॅवर –

संयन्त्रो से निकलने वाली बूंदों को ठंडा करने में इसका प्रयोग किया जाता है | शीतलन बुर्जों में भाप के कारण पानी की हानि 2% से 5% तक होती है |

थर्मल पावर प्लांट की दक्षता –

इस प्रकार की शक्ति स्टेशन में बॉयलर एवं कण्डेन्सर के अंदर उच्च उष्मा हानि होती है जिसके कारण इन स्टेशनों में बहुत अधिक ऊर्जा हानि होती है इनमें लगभग 25% से 30% की दक्षता होती है |

थर्मल पावर प्लांट के लाभ –

  • इनमें सस्ता कोयला प्रयोग किया जाता है |
  • यह ईधन एवं जल आपूर्ति के निकट किसी स्थान पर भी स्थापित किया जा सकता है |
  • इसमें निर्माणित क्षेत्र की आवश्यकता कम होती है |
  • इसमें उत्पादन लागत निम्न होती है |
थर्मल पावर क्या है / थर्मल पावर क्या है

थर्मल पावर प्लांट के नुकसान –

इससे बहुत अधिक मात्रा में धुंआ निकलने से वायु प्रदूषण फैलता है | इसकी अन्य प्रकार के शक्ति स्टेशनों की तुलना में प्रचलन लागत अधिक होती है |

महत्वपूर्ण जुडी बाते –

  • वायु प्रतितापक फ्लू गैसो से कुछ उष्मा को अलग करता है |
  • तापीय शक्ति संयत्रो में कोयला का दहन एवं शक्ति उत्पादन रेंकाइन चक्र के आधार पर होता है |
  • भारत में तापीय शक्ति संयन्त्र में सामान्य रूप से प्रयुक्त भाप का दाब 110 से 71kg/cm2 होता है |
  • तापीय शक्ति संयन्त्रो की दक्षता 25% से 30% तक होती है |
  • एक सामान्य आकार के तापीय शक्ति स्टेशन में विद्युत शक्ति 11kv पर जनरेट की जाती है |
  • तापीय विद्युत शक्ति संयन्त्र के लिए औसत 3 से 4 एकड़ भूमि प्रति MW क्षमता के लिए आवश्यक है |

भारत व एशिया का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट ?

भारत का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट विंध्याचल थर्मल पावर स्टेशन मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में है जो, वर्तमान समय में भारत का सबसे बड़ा 4760 MW (मेगावाट) थर्मल पावर प्लांट है | यह राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम NTPC का कोयले से चलने वाला थर्मल पावर प्लांट है | यह वाराणसी से लगभग 222 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है |

थर्मल पावर प्लांट का भविष्य क्या है ?

कोयले की कमी के चलते मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति में करीब 4000 से 5000 MW बिजली का उत्पादन कम हो रहा है सरकार को कोयले को छोड़कर ऊर्जा के अन्य विकल्पों पर काम कर रही है |

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