[ सोल्डरिंग आयरन क्या है 2024 ] सोल्डरिंग विधि, प्रकार, तापमान | Soldering Iron in Hindi

सोल्डरिंग विधि का क्या नाम है | सोल्डरिंग कितने प्रकार की होती है | सोल्डरिंग आयरन क्या है | सोल्डरिंग आयरन की कीमत | सोल्डरिंग आयरन का कार्य होता है | सोल्डरिंग पेस्ट कैसे बनाया जाता है | सोल्डरिंग आयरन का तापमान कितना होता है

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सोल्डरिंग आयरन क्या है

सोल्डरिंग इलेक्ट्रॉनिक परिपथो का महत्वपूर्ण भाग है इसके बिना सभी इलेक्ट्रॉनिक परिपथ का सम्पूर्ण होना सम्भव नही है | सामान्य रूप से देखा जाए तो यह वेल्डिंग की तरह ही होता है लेकिन दो धातुओ को 100% रूप से जोड़ने के लिए सोल्डरिंग का ही प्रयोग किया जाता है | इसका उपयोग PCB के पीछे की और सयोंजन में किया जाता है यह एक मिश्र (लेड और टिन) धातु है |

सोल्डरिंग क्या है / सोल्डरिंग आयरन क्या है?

  • दो धातुओं के तारों के टुकड़ों को अधिक ऊष्मा प्रक्रिया द्वारा तीसरी धातु की सहायता से जोड़ने की क्रिया सोल्डरिंग कहलाती है |
  • दो धातुओ को जोड़ने के लिए फिलर मटेरियल (तीसरी धातु) का प्रयोग किया जाता है यह प्राय: टिन व सीसे का मिश्रण होता है |
  • सोल्डरिंग कहे जाने वाले एलॉय जिसका गलनांक बिंदु सोल्डर किए जाने वाले धातु के गलनांक बिंदु से कम होता है |

सोल्डरिंग करना क्यों आवश्यक है?

सोल्डरिंग करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि तार और केबिल के बीच विद्युत चालक और यांत्रिक दृढ़ता व एक अच्छा सुचालक का निर्माण करना होता है |

नर्म व कठोर सोल्डर का गलनांक कितना होता है ?

  • नर्म सोल्डर का गलनांक 450 डिग्री सेल्सियस से कम होता है |
  • कठोर सोल्डर का गलनांक बिंदु 450 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है |

सोल्डरिंग आयरन का एलिमेंट किसका बना होता है ?

सोल्डरिंग आयरन विद्युत से चलने वाला उपकरण है यह हीटिंग एलिमेंट से बनाया जाता है इसमें आगे का बिट कॉपर का बनाया जाता है क्योंकि यह उष्मा का उत्तम चालक होता है |

सोल्डरिंग वायर किसे कहते है ?

सोल्डरिंग वायर वह धातु होती है जो दो धातुओं को जोड़ने में सहायक होती है यह टिन व सीसे (63%:37%) से निर्मित होती है |

सोल्डरिंग पेस्ट कैसे बनाया जाता है?

  • चालकों की सतह पर ऑक्साइड को घोलने और सोल्डर प्रक्रिया में उनकी निऑक्सीकरण करना (ऑक्सीकरण की क्रिया से बचाना)
  • जोड़ को मजबूती प्रदान करना |
  • ऑक्साइड, सल्फाइड इत्यादि को विलगीत करके सोल्डरिंग धातु को ऑक्साइड और धूल से स्वतंत्र करना |
  • सोल्डरिंग प्रक्रिया में पुन: ऑक्सीकरण को रोकना जिससे सोल्डरिंग किए जाने वाले सतह पर सोल्डर अस्मजित हो सके |
  • तनाव से सोल्डर प्रवाह को सुविधा युक्त करना जिससे सोल्डरिंग किए जाने वाले सतह को सोल्डर प्रवाह हो सके |
  • फ्लक्स ठोस अथवा द्रव अवस्था में होता है |

सोल्डरिंग आयरन की बिट किसका बना होता है ?

सोल्डरिंग आयरन कॉपर धातु का बना होता है क्योंकि कॉपर ऊष्मा का अच्छा सुचालक है |

सोल्डरिंग-आयरन -क्या-है
सोल्डरिंग आयरन क्या है

सोल्डरिंग कितने प्रकार की होती है –

1. कठोर सोल्डरिंग किसे कहते है?

जब मोटे तार या धातु के टुकड़ों को जोड़ना यह दो प्रकार के होते हैं –

  • स्पेल्टर (Spelter):- ( तांबा 50% + जस्ता 50% )

यह प्लंबिंग तथा सीट मेटल व्यवसायों में ब्रेजिग के लिए किया जाता है इस का गलनांक उच्च्तम होता है |

  •  सिल्वर सोल्डर (Silver Solder): इस का गलनांक स्पेल्टर से कम होता है |

 इसका उपयोग सोने, चांदी, जर्मन सिल्वर आदि आभूषणों के टांके लगाने के लिए किया जाता है |

 इसमें – सोना = तांबा+चांदी+सोना

        जर्मन = तांबा+जस्ता+निकल

           सोना = तांबा+चांदी

2. नर्म सोल्डर किसे कहते है ?

  • वैद्युत कार्यो में प्रयोग किया जाता है इस का गलनांक बिंदु 450 डिग्री सेल्सियस से कम होता है |
  • कठोर सोल्डर के सापेक्ष नरम सोल्डर का गलनांक कम होता है |
  • इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथो को सोल्डर करने हेतु किया जाता है |
  • इसमें टीन तथा सीसे की अलग-अलग मात्रा में धातु का प्रयोग किया जाता है |
  • इलेक्ट्रॉनिक्स = टिन 63 % + सीसा 37%  (गलनांक 183 डिग्री सेल्सियस
  • कठोर सोल्डर = टिन 40 % + सीसा 60%

तांबे के लिए प्रयुक्त सोल्डर:- 

  • यह सोल्डिंग बाधक कर्मक की भांति प्रयुक्त धातु एलॉय सोल्डर कहलाता है |
  • इसमें टिन व सीसा प्रयुक्त होता है |

एलुमिनियम के तारों में सोल्डरिंग:-

  • इसको ALCA-P के नाम से जाना जाता है |
  • इसमे सीसा 51% टिन 31% जस्ता 9% केडमियम 9 %
  • इसके अतिरिक्त कैरेलाइट नामक विशेष सोल्डरिंग एलुमिनियम में प्रयोग होता है |
  • फ्लक्स का व्यापारिक नाम – आयरन-7 या कैरेलाइट |

Note:- फ्लक्स अधिकतम 2 mm से अधिक नहीं होना चाहिए |

सोल्डरिंग विधि का क्या नाम है –

सोल्डिंग आयरन से सोल्डरिंग :-

  • यह सबसे अधिक उपयोग में आने वाली विधि है |
  • यह नर्म सोल्डरिंग है |
  • इस विधि का प्रयोग मुद्रित परिपथो में किया जाता है |

सोल्डरिंग गन से सोल्डरिंग :-

इसका उपयोग मरम्मत कार्यों में किया जाता है |

ज्वाला द्वारा सोल्डरिंग :-

  • त्वरित उष्मन होती है |
  • इसका उपयोग पाइपिंग और केबल कार्यों में किया जाता है |

डीप सोल्डरिंग :-

इसका उपयोग मुद्रित पीसीबी परिपथ में टिनिग कार्य के लिए प्रयुक्त होता है |

विधि – सोल्डर अथवा टिन कार्य तीन किए जाने वाले घटकों को पिछले भाग को सोल्डर में डुबो दिया जाता है |

मशीन सोल्डरिंग –

  • इसका उपयोग मात्र उत्पादन के लिए होता है |
  • इसके अन्य नाम-  मशीन तरंग, सोपान सोल्डरिंग, जेट सोल्डरिंग |
  • यह अधिक मूल्यवान और मजबूत भी होती है |

सोल्डरिंग के अन्य प्रकार:-

  1. प्रतिरोध सोल्डरिंग (resitance soldering)
  2. प्रेरण सोल्डरिंग (induction soldering)
  3. भट्टी सोल्डरिंग (oven soldering)
  4. वनस्पति तेल में सोल्डरिंग (soldering in vegetable)
  5. तत्व गैस से सोल्डरिंग (soldering by hot gas)

सोल्डिंग दोरान कौनसी गैस निकलती है ?

सोल्डिंग करते समय धुए में फ़्लोरिन गैस की लघु मात्रा होती है यह जहरीली होती है |

सोल्डिंग, ब्रेजिंग, वेल्डिंग में मुख्य अंतर:-

1.सोल्डरिंग :-

  • जोड़ बिंदु को बिना बुलाए केवल गर्म किया जाता है |
  • यह मिश्र धातु का होता है |

2. ब्रिजिंग:-

  • यह केवल पीतल का टांका ब्लो लैंप की सहायता से लगाया जाता है |
  • यह सोल्डिंग मजबूत व टिकाऊ होता है |

 3. वेल्डिंग:- 

  • जोड़ धातु को पिघलाया जाता है |
  • जिस धातु को जोड़ा जाता है उसी का इलेक्ट्रोड प्रयोग होता है |
  • यह क्रिया अर्क वेल्डिंग के द्वारा संपन्न की जाती है |
  • यह सबसे मजबूत जोड़ होता है |

सोल्डिंग आयरन की प्राइस क्या है ?

सोल्डिंग आयरन की प्राइस उनकी वाट क्षमता के आधार पर अलग-अलग होती है अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें 

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