[ जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं 2024 ] खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री के प्रकार, नियम, कितना पैसा लगता है | Jamin Registry Kaise Karwaye

जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन चेक | जमीन की रजिस्ट्री कितने दिन में हो जाती है | जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं | जमीन की रजिस्ट्री में कितने पैसे लगते है | जमीन की रजिस्ट्री के नियम | महिला के नाम रजिस्ट्री | मकान की रजिस्ट्री कैसे निकाले

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जमीन की रजिस्ट्री एक कानूनी प्रक्रिया है जब कोई व्यक्ति किसी से जमीन खरीदता है तो उस जमीन के सभी दस्तावेज से वह विक्रेता का नाम हटाकर अपना नाम दर्ज करवाता है उसे रजिस्ट्री कहते है| जब तक आप उस जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम नही करवाते है तब तक आप उस जमीन के वैध मालिक नही बन सकते है| यदि आप जमीन / प्लाट / खेत खरीदते या बेचते है तो आपको “जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं” इसकी जानकारी होनी चाहिए ताकि आपके साथ होने वाली धोखा-धड़ी से बचा जा सके|

आपके लिए यह लेख महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगे –

जमीन की रजिस्ट्री क्या है?

प्रॉपर्टी खरीदने पर उसके मालिक हक को विक्रेता से क्रेता के पक्ष में ट्रांफर करवाने की प्रक्रिया को ही रजिस्ट्री कहते है| यदि हम दूसरे शब्दो में बात करे तो, जमीन के मूल दस्तावेजों पर उसके विक्रेता मालिक का नाम हटाकर क्रेता मालिक का नाम जोड़ना ही रजिस्ट्री है| 

भूमि की रजिस्ट्री का उद्देश्य विवादों से बचना होता है इस दस्तावेज में उल्लेखित जानकारी के अनुसार ही भूमि के मालिक को उसके अधिकार और जिम्मेदारियाँ मिलती है इसके अलावा, जमीन की रजिस्ट्री एक वैध दस्तावेज के रूप में भी काम में लाई जाती है, जिससे बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएं से आपको ऋण लेने की सुविधा भी मिलती है|

जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए आवश्यक दस्तावेज?

  • पहचान पत्र जैसे की – आधार कार्ड / वोटर आईडी / राशन कार्ड 
  • मालिक के पहचान पत्र
  • जमीन के पेपर 
  • जमीन खाता प्रमाण पत्र 
  • NOC (No Objection Certificate)
  • Property Tax Slip
  • बैनाम
  • बैंक चेक
  • पासपोर्ट फोटो
  • दस्तावेज फीस

जमीन की रजिस्ट्री कितने प्रकार की होती है?

हमारे भारत देश में जमीन की रजिस्ट्री मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, जिसकी विस्तार जानकारी अपको नीचे दी गई है –

  • सामान्य रजिस्ट्री :- यह रजिस्ट्री उस समय कराई जाती है जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी संपत्ति के वास्तविक हक़ का पुनर्विचार करता है इसमें जमीन के संपत्तिकरण के साथ-साथ इससे संबंधित सभी अन्य बिक्री संबंधी विवरण शामिल होते है|
  • नम्बरदारी रजिस्ट्री :- इस प्रकार की रजिस्ट्री में जमीन का संपत्तिकरण उस व्यक्ति के नाम होता है, जो इससे पहले संपत्ति का मालिक था और उसने अपना संपत्तिकरण उस व्यक्ति को दे दिया होता है, जिसने उससे संपत्ति को खरीदा होता है।

जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं (पूरा प्रोसेस)?

  • Property Value :- जमीन / प्लाट / खेत खरीदने से पहले आपको उस क्षेत्र के रेट की जांच कर लेना है| यानी पहले आपको उस जमीन की वैल्यू पता कर लेना है तथा जमीन की Market Value कितनी है|
  • Stamp Paper :- स्टाम्प पेपर एक तरह का जमीन के मालिक का सबूत होता है, उसके लिए जमीन के खरीदार को यह पेपर खरीदने होते है|
  • जमीन खरीदने या बेचने से संबधित महत्वपूर्ण दस्तावेज : – आपको ऐसा पेपर बनवाने है जिस पर लिखा हो की मैने यह जमीन पूर्ण रूप से नामित व्यक्ति को दे दी है| 
  • Registry :- जमीन बेचने से जुड़े सभी कागजों को लेकर आपको रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना होगा, वहा पर जमीन बेचने तथा खरीदने वाले व्यक्ति को भी मौके पर पेश होना होगा|

जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन चेक?

  • ऑनलाइन रजिस्ट्री चेक करने के लिए आपको अपने राज्य की IGR वेबसाइट पर जाना होगा, यदि आप मध्य प्रदेश राज्य के निवासी है तो आपको mpigr.gov.in की ऑफशियल वेबसाइट पर जाना होगा|
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जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं
  • इसका Home Page खुलने के बाद आपको दस्तावेज खोज पर क्लिक करना होगा|
  • अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा, इस पेज में आपको ई-पंजीकरण क्रमांक दर्ज करना होगा|
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जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं
  • फिर अपको केपचा कोड भी दर्ज करना है और फिर जमा करे के विकल्प पर क्लिक करे|
  • अब आपके सामने रजिस्ट्री की संपूर्ण जानकारी खुल जाएगी जैसे की – जमीन किसने खरीदी, किसने बेची आदि की जानकारी आपको यहां मिल जाएगी|
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जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं
  • आप इसको अपने System में डाउनलोड भी कर सकते है|

रजिस्ट्री और नामांतरण में क्या अंतर है?

रजिस्ट्री नामांतरण 
रजिस्ट्री जमीन खरीदने के तुरंत बाद कराई जाती है|रजिस्ट्री करवाने के बाद ही नामांतरण होता है| 
रजिस्ट्री एक प्रकार से जमीन के दस्तावेज होता है, जमीन के मूल दस्तावेजों पर उसके विक्रेता मालिक का नाम हटाकर क्रेता मालिक का नाम जोड़ना ही रजिस्ट्री है|नामांतरण में एक प्रकार से सरकार के पास भूमि का रिकॉर्ड होता जानकारी के अनुसार यदि आपने कोई जमीन खरीदे है तो आपको नामांतरण बनवाना होगा अन्यथा वह जमीन आपकी नही मानी जाएगी|
रजिस्ट्री कराने से आप अपनी संपत्ति को स्वामित्व के दृष्टिकोण से सुरक्षित कर सकते हैं|नामांतरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिससे संपत्ति के स्वामित्व को एक व्यक्ति या संगठन से दूसरे व्यक्ति या संगठन में स्थानांतरित किया जाता है|

रजिस्ट्री कितने दिन में कैंसिल हो सकती है?

रजिस्ट्री को रद्द करने के लिए, कानून द्वारा निर्धारित समय सीमा होती है जो कि राज्य और क्षेत्र के नियमों पर निर्भर करता है| जानकारी के अनुसार, रजिस्ट्री को रद्द करने के लिए 30 दिनों की सीमा होती है, जबकि कुछ राज्यों में यह सीमा 90 दिन तक हो सकती है|

जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं

जमीन की रजिस्ट्री के नियम?

  • प्लाट / जमीन का प्रमाणित नक्शा होना चाहिए|
  • जिस भी व्यक्ति के नाम वह जमीन है, उसकी आईडी में मौजूद नाम तथा रजिस्ट्री के कागजों में समान होना चाहिए|
  • जमीन की रजिस्ट्री कराते समय विक्रेता के दोनो उंगलियों का फिंगरप्रिंट लिया जाएगा|
  • इसके अलावा जमीन के विक्रेता तथा खरीदार के फोटो भी लिए जाएंगे|
  • रजिस्ट्री के दौरान, संपत्ति के बारे में सटीक जानकारी देना आवश्यक होता है|
  • आपकी जानकारी के लिए बता दे की, रजिस्ट्री के नियम हर राज्यो के लिए अलग-अलग हो सकते है|

रजिस्ट्री कितने दिनों में हो जाती है?

रजिस्ट्री की प्रक्रिया 2 से 5 दिनों के मध्य पूरी हो जाती है, रजिस्ट्री की प्रक्रिया अलग-अलग राज्यों या क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती है|

रजिस्ट्री कराने में कितना पैसा लगता है?

शुल्क भुगतान की राशि क्षेत्र और खरीदार द्वारा चुने गए विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों पर भी निर्भर करते है| आमतौर पर जमीन की रजिस्ट्री के शुल्क रजिस्ट्रार के द्वारा तय किए जाते है|

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