Electrician Tools Name List :- जब कोई इलेक्ट्रीशियन विधुत से संबधित कार्य करता है, तो उसे औजारों का ज्ञान होना चाहिए है | विधुत के कार्य को दक्षता पूर्ण बनने के लिए विधुतकार को उचित औजारों का उपयोग करना चाहिए | यदि आप विधुत में उचित/सही औजारों का उपयोग नहीं करते तो अपना जीवन गवा सकते हो |
आपने देखा होगा की जब आपके घर मे विधुत संबधित कोई समस्या आती है तो विधुत्कार अपने साथ कई महत्वपूर्ण औजार लेकर घूमता है और इन औजारों की सहायता से वह अपना का कार्य दक्षता साथ पूर्ण करता है तो आईये जानतें है विधुत्कार के औजारों के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी –
इलेक्ट्रीशियन औजारों के नाम (Electrician Tools Name List) –
फेज टेस्टर –
- यह एक विद्युत कार्य का महत्वपूर्ण औजार है |
- यह छोटे पेचकस की तरह होता है |
- इसके हैंडल में नियॉन लैंप कार्बन के प्रतिरोध सहित लगा होता है |
- इसका प्रयोग तार मशीन इत्यादि में फेज की उपस्थिति की जांच हेतु किया जाता है |
- इसका उपयोग 500 वोल्टेज की विद्युत तक किया जा सकता है |
नोट – इसका प्रयोग उच्च वोल्टेज में प्रयोग ना करें फेज चेक करते समय पर अर्थिंग पॉइंट पर अपनी अंगुली रखें |
कॉमिनेशन प्लायर –
- यह टूल कार्बन स्टील का बना होता है |
- इसका उपयोग तारों को काटने व मरोडने के लिए किया जाता है |
- यह तारों को थामने/जोड़ने के काम में भी आता है |
- यह 15 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर के आकार में इंसुलेटेड हैंडल वाला होता है |
नोट – इसका उपयोग हथौड़े के रूप में न करें एव जंग न लगने दें |
पेचकस –
- इसका आकार शैक या ब्लड की लंबाई के आधार पर व्यक्त किया जाता है |
- इसके प्रकार फ्लैट टिप, क्रॉस टिप, यू टिप है |
- विद्युत कार्य के लिए 8 सेंटीमीटर तथा 20 सेंटीमीटर से एक, फ्लैट टिप वाले पेचकस आवश्यक होते हैं |
नोट – हैंडल पर हथौड़े से चोट ना दे, प्रयोग करते समय चिकनाई रहित होना चाहिए |
हथोड़ा हैमर –
- विद्युत कार्य के लिए 400 ग्राम भार वाला बॉल पीन हैमर उपयुक्त होता है |
- इसके प्रकार- बोल पिन, क्रॉस पेन, स्टेट पिन, रीवेंटिंग स्लेज सॉफ्ट आदि |
- इसका प्रयोग – कील ठोकने, गिट्टी व रावलप्लग ठोकने, चीजल के साथ दीवार आदि में छिद्र करने एवं लकड़ी पर फार्मर चीजल के साथ कार्य करने के लिए किया जाता है |
नोट – प्रयोग करते समय हैंडल को पीछे से पकड़े |
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नोजल प्लेयर –
- इंसुलेटेड दस्ते वाला वह चपटी चौच वाला होता है |
- यह 15 सेंटीमीटर लंबा होता है |
- इसका उपयोग पतले तारों को पकड़ने इतने तथा छोटे आकार के नोटों को कसने तथा खोलने के लिए किया जाता है |
- इसके प्रकार – फ्लैट नोज, राउंड नोज, आदि है |
- विद्युत कार्य के लिए लोंग नोज प्लायर्स उपयुक्त है |
साइड कटिंग प्लायर –
- इसके एक साइड पर कटर होता है |
- इसका मुंह में आगे से चौरस होता है |
- इसका प्रयोग तार काटने और इंसुलेशन छिलने के लिए किया जाता है |
इलेक्ट्रीशियन चाकू –
- इसका ब्लेड धार युक्त होता है जो कि तार का इंसुलेशन छिलने के लिए काम आती है |
- दूसरी ब्लड कम धार की होती है |
- इसका उपयोग इनेमल तार का इंसुलेशन साफ करने तथा अन्य तारों के सिरे साफ करने के लिए किया जाता है |
- इस ब्लड की लंबाई 8 सेंटीमीटर के लगभग होती है |
नोट – इससे तार कटिंग नहीं करें |
सेंटर पंच –
- इसका उपयोग धातु सीट में छेद करने से पहले सही स्थान पर निशान लगाने के लिए किया जाता है |
- जिससे ड्रिल मशीन की बिट चयनित निशान पर ही रुक कर छेद करें |
- यह एक मोटी कील के आकार जैसी होता है |
- इसकी लंबाई लगभग 10 से 15 सेंटीमीटर होती है |
नोट – इसका प्रयोग करते समय 90 डिग्री की स्थिति में होना चाहिए |
रावल प्लग –
- इसका इस्तेमाल पत्थर और सीमेंट की दीवार पर सुराग निकालने के लिए किया जाता है |
- इस औजार में धातु का बीट हथौड़े से चोट करते हैं |
- यह हाई स्पीड स्टील का बना होता है |
नोट – प्रयोग करते समय इसको थोड़ा थोड़ा घुमाना चाहिए प्रयोग से पहले इसे जल में कुछ घंटे पहले भी होना चाहिए |
छेनी –
- विद्युत कार्य के लिए दो प्रकार की चीजल की आवश्यकता होती है फार्मर (हॉट) चीजल तथा कोल्ड चीजल |
- हॉट (फॉर्मर) का प्रयोग लोहा कारखानों में किया जाता है |
- यह अनेक प्रकार- क्रॉस कट, फ्लैट, राउंड नोज, डायमंड पॉइंट, कॉउ माउथ, साइड कटिंग प्रकार की होती है |
- यह 12 mm चौड़े तथा 15 सेंटीमीटर से 1 एवं 45 डिग्री कोण पर बनी धार वाली फार्मर चीजल सबसे ज्यादा उपयुक्त रहती है |
हेक्सा –
- यह लोहे की धातु को काटने में काम आती है |
- इसकी ब्रेड एडजेस्टेबल होती है |
- इसकी ब्लड की लंबाई 30 सेंटीमीटर होती है |
नोट – ब्लेड लगाते समय ब्लेड खींची हुई होनी चाहिए ब्लेड की लंबाई Retaining Pin होल्डर के मध्य की लंबाई के बराबर ली जाती है इसके दाते आगे की तरफ होते हैं |
टेनन-सा –
- यह लकड़ी काटने व प्लास्टिक काटने के काम आती है |
- इसकी लंबाई 30 से 40 सेंटीमीटर होती है |
की होल-सा –
- इसकी लंबाई 3 से 4 mm चौड़े और 15 से 20 सेंटीमीटर लंबे ब्लड वाली छोटी आरी होती है |
- यह विद्युतकार सनमाइका टॉप वाले वायरिंग बोर्डों में ड्रिल मशीन से किए गए गोल छिद्रों को आवश्यकता अनुसार आयताकार आकृति प्रदान करने के लिए इसका उपयोग करते हैं |
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रेती –
- यह एक कटिंग टूल्स है |
- इसका प्रयोग जॉब फिनिसिंग देने में किया जाता है |
- लंबाई के अनुसार सामान्यतः फाइल की लंबाई- 10, 15, 20, 25, 30, 35 सेंटीमीटर तक होती है |
- ग्रेड के अनुसार – रफ बास्टर्ड, सेकंड कट, स्मूथ, डैड स्मूथ इत्यादि |
- आकार के अनुसार- फ्लैट, राउंड, हाफ राउंड, स्क्वायर, ट्रायंगुलर, हैंड, नाइफ एज, नीडिल आदि |
- कट के अनुसार- सिंगल कट, डबल कट, कवर्ड कट, स्पाइरल कट, रास्प कट आदि |
वायर स्ट्रिपर –
- यह हाई स्टील के बने होते हैं |
- यह तारों का इंसुलेशन उतारने के काम में आता है |
- इसके अंदर छोटे-छोटे खाचे बने होते हैं |
- वायर स्ट्रिपर का कटर टेम्पर्ड होता है |
नोट – तार कटिंग में इसका प्रयोग ना करें कटर को तार के साइज अनुसार एडजेस्ट करें |
क्रिपिंग टूल –
- इसका उपयोग एलुमिनियम कॉपर केबल में लग या टर्मिनल को लगाने/दबाने के लिए किया जाता है |
- इसकी लंबाई प्राय: 20 सेंटीमीटर होती है |
- यह तारों को जोड़ थिंबल आदि लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है|
- यह अलग-अलग साइजों में मिलता है|
स्निप –
- पतली धात्विक सीटों को काटने वाली कैंची स्पिन कहलाती है |
- इसकी लंबाई 15 से 20 सेंटीमीटर होती है विद्युतकार इसका उपयोग वाइंडिंग की तारों माइका शीट कठोर इंसुलेशन शीट आदि को काटने के लिए करते हैं |
निप्पर –
- इसे साइड कटिंग लायर या डायगोनल कटर भी कहते हैं |
- इसकी लंबाई 15 सेंटीमीटर होती है |
- इसका उपयोग तांबे एवं एलुमिनियम के पतले तारों को काटने के लिए किया जाता है |
कैची –
- इसकी लंबाई 10 सेंटीमीटर से 25 सेंटीमीटर तक होती है |
- विद्युत कार के लिए 15 से 20 सेंटीमीटर लंबी उची कैची उपयुक्त होती है |
- इसका उपयोग मोटरों मोटर के वाइंडिंग करते समय इंसुलेशन शीट अगर सूती कपड़ा काटने के लिए उपयोग किया जाता है |
ट्राई स्क्वायर –
- यह 15, 20, 30 सेंटीमीटर लंबाई ब्लेड वाला होता है |
- इसे गुनिया भी कहते हैं |
- विद्युतकार के लिए 15 सेंटीमीटर ब्लेड वाला ट्राई स्क्वायर उपयुक्त होता है |
- इसके द्वारा नापी जा सकने वाली अल्पतमांक 0.5 सेंटीमीटर होती है |
- यह विद्युत वायरिंग में समकोण देखने के काम आता है |
स्पैनर सेट –
- इसकी साइज जबड़े के आकार से लिया जाता है |
- इसके प्रकार- सिंगल एंडेड, डबल एंडेड, रिंग बॉक्स स्पेशल आदि |
- विद्युतकार प्राय 3mm से 25 mm तक जबड़े वाले डबल एंडेड स्पैनर्स उपयुक्त होते हैं |
- इसका उपयोग नट बोल्ट को कसने तथा खोलने के लिए किया जाता है |
एडजेस्टेबल रिच –
- विद्युत कार के लिए 20 सेंटीमीटर लंबा उपयुक्त होता है|
- इसे एडजेस्टेबल स्पैनर भी कहते हैं|
- इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी नट के आकार का सही स्पेनर टूल-किट में उपलब्ध न हो|
पाइप रिच –
- यह विद्युतकार के लिए कडनड्युट तथा जी.आई पाइप सॉकेट को खोलने के लिए प्रयोग किया जाता है |
- विद्युतकार के लिए 25 सेंटीमीटर लंबा 4 सेंटीमीटर जबड़ा वाला परास वाला पाइप रिच उपयुक्त होता है |
नोट- किसी भी स्पेनर पाइप रिच का उपयोग हथोड़े के रूप में प्रयोग न करें |
पाइप कटर –
- इसमें तीन कटिंग ब्लेड होती है जिसमें से एक ब्लेड स्तर जबड़े में कसा रहता है और दो ब्लेड सचल पर घुमाने के साथ-साथ गति करते हैं |
- इसका उपयोग कंडयूट तथा G.I. पाइप को काटने के लिए किया जाता है |
रीमर –
हेक्सा अथवा पाइप कटर से काटे गए पाइप के टुकड़ों के सिरे काफी नुकीले होते हैं उसको साफ करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है ताकि वायरिंग करते समय केबल व तार का इंसुलेशन खराब ना हो |
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रचिट ब्रेस –
- यह धीमी गति से छिद्र करने वाला औजार है इसमें भिन्न-भिन्न नाप के आगे बीट लगाकर लकड़ी में भिन्न-भिन्न व्यास के छिद्र किए जा सकते हैं |
- इसके अतिरिक्त इसके ड्रिल चक स्क्रू ड्राइवर प्रकार की फ्लैट बीट लगाकर पैचो को कसने व खोलने का कार्य तीव्र गति से किया जाता है|
- इसका उपयोग कोनो आदि में बड़े व्यास के छिद्र करने के लिए करते हैं |
जिमलेट –
- लकड़ी से बनी मोटी वस्तुओं में 3 एमएम से अधिक व्यास का छिद्र करने के लिए जिमलेट का प्रयोग किया जाता है |
- इसके द्वारा 10 mm व्यास तक का छिद्र किया जा सकता है |
स्टॉक तथा ड्राई –
- इसका उपयोग जी आई पाइप तथा कंडयुट पाइप में चूड़ियां काटने के लिए किया जाता है |
- स्टॉक तथा ड्राई कास्ट आईरन का बना होता है |
- इसे अंदर और बाहर की चूड़ियां काटने के प्रयोग किया जाता है |
वाइस –
- इसका आकार जबड़े की चढ़ाई पर निर्भर करता है |
- इलेक्ट्रीशियन द्वारा कार्य करने हेतु यदि जॉब को मजबूती से पकड़ने की आवश्यकता होती है तो वह जॉब को वॉइस के मध्य रखकर कस देता है |
- वॉइस कई प्रकार की होती है जैसे- बैच वाइस, पाइप वाइस, लेग वाइस, लाइन वाइस, हैंड वाइस आदि |
- इलेक्ट्रिशियन को समानतया 10 सेंटीमीटर जबड़े वाली बैच वाइज तथा 60 mm व्यास पकड़ वाली पाइप वॉइस की आवश्यकता पड़ती है तथा सिरोपरी लाइन को खींचने के लिए लाइन वाइस की आवश्यकता होती है |
साहुल (Plam Bob) –
- यह विद्युतकार के लिए महत्वपूर्ण औजार है |
- इलेक्ट्रिशियन को वायरिंग करते समय ऊर्ध्वाधर लाइन को सही रखने हेतु साहुल की आवश्यकता पड़ती है |
- इसे धागे की सहायता से दीवार के सहारे लगाकर लाइन को ऊर्ध्वाधर रखा जा सकता है |
पुली पुलर –
- बिजली की मोटरो तथा जनरेटरो का अनुरक्षण करते समय यदि उन पर लगी पुलि को निकालने की आवश्यकता पड़ती है तो उसे पुली पुलर द्वारा आसानी से निकाला जा सकता है |
- इसमें पुलर की लेग पुली में फसाकर स्क्रू को सॉफ्ट के सेंटर में रखकर धीरे-धीरे कसा जाता है जिससे बिना किसी नुकसान के बाहर निकल जाता है |
बेयरिंग पुलर –
- यह भी पुली पुलर की तरह ही होता है लेकिन आकार में छोटा होता है |
- इसमें दो टांगे होती है |
- इसका उपयोग मोटर, जनरेटर, फेन, पंप आदि की वायरिंग को सॉफ्ट पर से उतारने के लिए किया जाता है जिससे वायरिंग बिना खराब हुए आसानी से सॉफ्ट से उतर जाती है |
स्टील स्केल –
- इसका अल्पतमांक 0.5 MM तथा 1/32 इंच होती है |
- इसकी लंबाई 30 सेंटीमीटर होती है |
- इसकी ऊपरी सतह पर सेंटीमीटर तथा निचली सतह पर इंच के खाचे बने होते हैं |
- इसके अलावा यह एक लकड़ी का फुट सल (4 मोड वाला) होता है आसानी से रखने के लिए 4 फोल्ड किए जाते हैं |
वायर गेज –
- यह औजार तार का व्यास मापने के लिए प्रयोग किया जाता है |
- यह गोलाकार चकली के आकार का होता है तथा इसकी परिधि पर विभिन्न SWG माप के खाचे बने होते हैं |
- स्टील की पतली शीट से बना होता है |
नोट- जितना बड़ा अंक होगा उतना वायर पतला होगा |
माइक्रोमीटर –
- यह एक सूक्ष्म यंत्र है जिसके द्वारा किसी तार व किसी चादर का व्यास पदार्थ की मोटाई मापने में प्रयोग किया जाता है |
- इसका अल्पसंख्यक मान 0.001 तक सूक्ष्मता से मापा जा सकता है |
- इसका साइज 0.25 MM व इससे अधिक भी होता है |
- यह U के आकार के बने होते हैं |
- इसको स्क्रू गेंज भी कहते हैं |
- इसमें आजकल डिजिटल भी मिलता है |
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मेटल –
- यह लकड़ी का हथोड़ा होता है|
- इसका उपयोग को पर एलुमिनियम के तारों एवं चादरों को सीधा या आवश्यकतानुसार मोड़ने के लिए किया जाता है |
- इसका भार प्राय: 500 या 1000 ग्राम तक होता है |
- मोटर की वायरिंग करते समय कोयल को सीधी करने व मोड़ने के काम आता है |
- जिससे की वायरिंग तार इलेमल्ड खराब ना हो |
इलेक्ट्रिकल ड्रिल मशीन –
- इलेक्ट्रिकल ड्रिल के प्राय 8 MM व्यास का छिद्र करने वाली बीट की आवश्यकता होती है |
- इस प्रकार की मशीन में ड्रिल-बिट को कसने के लिए चक-की प्रयोग की जाती है |
हैंड ड्रिल मशीन व बिट्स-
- इसकी क्षमता इसके चक की ड्रिल-बिट धारण करने की क्षमता के आधार पर व्यक्त की जाती है जो प्राय 6 या 8 MM होती है |
- इसका उपयोग लकड़ी सनमाइका प्लास्टिक बास एलुमिनियम नरम लोहे की चादर पुर्जे आदि में छिद्र करने के लिए किया जाता है |
- इस में प्रयोग किए जाने वाले ड्रिल-बिट का व्यास 1/64 इंच में 1/4 इंच अथवा 0.4 से 6 MM तक होता है |
सोल्डरिंग आयरन –
- इसके द्वारा सर्किट में टांके लगाए और हटाई जाते हैं |
- तारों के जोड़ सोल्डर और फल्क्स की सहायता से सोल्डरिंग आयरन द्वारा लगाए जाते हैं |
- आयरन बिट हमेशा तांबे का होता है |
- इसको हमेशा रेज माल से साफ कर लेना चाहिए |
ब्लो-लैंप –
- इसका उपयोग केबिल ज्वाइंटिंग में जोड़ को गर्म करने तथा सोल्डर को पिघलाने के लिए किया जाता है |
- यह मिट्टी के तेल से चलने वाला एक प्रकार का स्टॉक होता है |
- इसका प्रयोग पूर्ण सावधानी के साथ उपयोग करना चाहिए क्योंकि इससे आग लगने या झुलसने की संभावना रहती है |
सोल्डरिंग पात्र व कड़छी –
- लोहे व तांबे के मोटे तारों के जोड़ों पर सोल्डरिंग आयरन से टांका नहीं लगाया जा सकता अतः इस कार्य के लिए ब्लो-लैंप के साथ सोल्डरिंग पात्र प्राय 0.5 लीटर तथा 1 लीटर धारित में बनाए जाते हैं और कड़छी की लंबाई पर आए 35 से 40 सेंटीमीटर रखी जाती है |
- विद्युतकार के लिए 0.5 लीटर धारित वाले सोल्डरिंग पात्र उपयुक्त होते हैं |
टेस्ट लैंप कैसे तैयार करें?
– इलेक्ट्रिशियन द्वारा इसका निर्माण स्वयं ही किया जा सकता है |
– एक पेंडेंट होल्डर में पी.वी.सी इंसुलेशन के 3/22 आकार के तांबे के दो तार लगभग आधे-आधे मीटर के लगा कर सकता है |
– पेंडेंट होल्डर से 40/60/100 वाल्ट विद्युत बल्ब लगाने से टेस्ट लैंप तैयार हो जाता है |
इलेक्ट्रिशियन किसे कहते है?
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