क्या फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी लेनी चाहिए | full payment agreement validity | फुल पेमेंट एग्रीमेंट क्या होता है | full payment agreement kya hota hai | Full Payment Agreement Of Property
किसी भी प्रॉपर्टी को कानूनी रूप से अपने नाम करवाने के लिए आपको उसकी रजिस्ट्री करवा लेनी चाहिए कई बार लोग स्टांप ड्यूटी देने से बचने के लिए या फिर रजिस्ट्रार ऑफिस किसी कारण बंद होने पर लोग प्रॉपर्टी डील का फुल पेमेंट एग्रीमेंट (Full Payment Agreement) या पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये संपत्ति खरीदने का फैसला लें लेते है जो कानूनी रूप से सही नही है फुल पेमेंट एग्रीमेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) से आपको किसी भी प्रॉपर्टी का कानून मालिकाना हक नहीं देती है| ऐसे में आपका प्रॉपर्टी खरीदना घाटे का सौदा साबित हो सकता है आइए जानते है फुल पेमेंट एग्रीमेंट क्या होता है –
फुल पेमेंट एग्रीमेंट क्या होता है?
फुल पेमेंट एग्रीमेंट एक वित्तीय समझौता है, जिसमें एक पक्ष से दूसरे पक्ष को पूरी राशि का भुगतान करने के लिए समझौता होता है| इसमें व्यक्ति या संस्था दूसरे पक्ष को पूरी राशि का भुगतान करता है|
क्या फुल पेमेंट एग्रीमेंट प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक होता है?
किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए स्टांप ड्यूटी देनी होती है तब जाकर सरकार द्वारा रजिस्ट्रीकरण एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड किया जाता है लेकिन कुछ लोग स्टांप ड्यूटी के थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में फुल पेमेंट एग्रीमेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी करा कर अपने लाखोँ रुपयों से हाथ धो बैठते है किसी भी प्रॉपर्टी पर कानूनी रूप से अपना मालिकाना हक पाने के लिए उसकी रजिस्ट्री करवाना जरूरी होता है|
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फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी बेचने वाले का हक :-
अक्सर कई बार ऐसा देखने को मिलता है की फुल पेमेंट एग्रीमेंट या पॉवर ऑफ अटॉर्नी और वसीयत लिखवा लेने के कुछ दिनों बाद ही विक्रेता बेचीं हुई संपत्ति पर अपना अधिकार जमा कर उस पर दावा पेश कर दे तो आप मुसीबत में फंस सकते हों|
इसके अलावा यदि संपत्ति बेचने वाले व्यक्ति की किसी कारणवश मृत्यु हो जानें पर उसका वारिश या रिश्तेदार उस प्रॉपर्टी पर दावा कर दे तो इस स्थिति में कोर्ट भी बिना रजिस्ट्री (बिना मालिकाना हक) के आपका साथ नही दे पता है और आपको मेहनत मजदूरी कर खरीदी गयी प्रॉपर्टी को गवाना पड़ता है|
फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी खरीदने के नुकसान?
- फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी खरीदने से आपको कानूनी रूप से मालिकाना हक प्राप्त नही होता है|
- पॉवर ऑफ अटॉर्नी या फुल पेमेंट एग्रीमेंट और वसीयत पर खरीदी गयी जमीन पर आप बैंक से लोन प्राप्त नही कर सकते हों|
- फुल पेमेंट एग्रीमेंट एक समझौता है जिसमें एक पक्ष से दूसरे पक्ष का आपसी विश्वास होता है जिस दिन यह विश्वास खत्म हो जाता एग्रीमेंट स्वतः समाप्त हो जाता है| और आपकी जिंदगी भर की कमाई को एक झटके में बर्बाद हो सकती है|
- समान्यतौर पर कहाँ जाता है की फुल पेमेंट एग्रीमेंट या पॉवर ऑफ अटॉर्नी और वसीयत पर खरीदी गयी संपत्ति आपके लिए कभी नुकसानदायक साबित हो सकती है|
नोट :- सुप्रीमकोर्ट ने 2011 में एक प्रकरण में यह स्पष्ट रूप से कहा है की फुल पेमेंट एग्रीमेंट या पॉवर ऑफ अटॉर्नी और वसीयत इनसे संबधित विवाद को कोर्ट में ना लायें क्योकि जब तक किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री उस व्यक्ति के नाम नही होती है तो वह व्यक्ति इस प्रकार के केस कोर्ट में लाने का कोई अधिकार नही रखता है| इसलिए आपको इन तरीकें को अपनाने से हमेशा बचना चाहिए और प्रॉपर्टी खरीदने के मामलें में जल्दबाजी न करते हुए हमेशा रजिस्ट्री के आधार पर ही खरीदनी चाहिए |
कानूनी रूप से प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक कब प्राप्त होता है?
किसी भी प्रॉपर्टी पर कानूनी रूप से अपना मालिकाना हक पाने के लिए उसकी रजिस्ट्री करवाना जरूरी होता है|
क्या फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी खरीदना सही है?
जी नही फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी बेचने वाला व्यक्ति ही कुछ समय बाद उस संपत्ति पर दावा पेश दे तो आप बुरी तरह से मुसीबत में फंस सकते हों|
फुल पेमेंट एग्रीमेंट क्या होता है?
फुल पेमेंट एग्रीमेंट एक वित्तीय समझौता है जिसमें एक पक्ष से दूसरे पक्ष को पूरी राशि का भुगतान करने के लिए समझौता होता है|
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